देश के सबसे अधिक धन देने वाले धनबाद की जनता से मोदी सरकार क्यों हैं नाराज

Dhanbad : देश की राजधानी नई दिल्ली को सबसे अधिक राजस्व देने वाला झारखंड के धनबाद संसदीय क्षेत्र से मिलने के बाद भी केंद्र की मोदी सरकार भेदभाव कर रही है. इसके बाद भी धनबाद संसदीय क्षेत्र के मोदी भक्त जय श्री राम के नाम पर वोट देकर जीतने का बीड़ा उठाया है.

संसद के कार्यकाल में धनबाद को नहीं मिली कोई सौगात

सांसद पशुपतिनाथ सिंह ने सांसद से लेकर प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी तक धनबाद में ओवरब्रिज, हवाई अड्डा, एम्स जैसे बड़े अस्पताल और धनबाद रेलवे जंक्शन से नई दिल्ली के लिए सीधी ट्रेन की मांग करते रहे. लेकिन प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी और रेल मंत्री ने कोई सौगात धनबाद संसदीय क्षेत्र को नहीं दिया. धनबाद की जनता पीएन सिंह को कोस रही है. लेकिन पीएन सिंह ने संसद में उठाए गए सवाल का पत्र जब मीडिया को दिखाया तो सब भौंचक रह गए. फिलहाल एक और बुरी खबर मोदी सरकार धनबाद वासियों को देने जा रहे हैं. गाजीपुर जंक्शन से धनबाद होते हुए कोलकाता जाने वाली शब्दभेदी एक्सप्रेस जिसका ट्रेन संख्या 22323 है. आईआरटीसी की बैठक कोलकाता गाजीपुर सिटी एक्सप्रेस ट्रेन की रूट में बदलाव करने का प्रस्ताव दिया है. इस ट्रेन का नया रूट में आसनसोल, पटना, दिलदारनगर, गाजीपुर सिटी के रास्ते यह ट्रेन चलेगी.  इस ट्रेन से धनबाद से कोलकाता जाने वाले यात्रियों को  सुविधा मिलती थी. वहीं धनबाद में यूपी और गाजीपुर के हजारों लोग रहते हैं. उन्हें भी अपने शहर गाज़ीपुर जाने के लिए सीधी ट्रेन मिल रहा था. उसे भी मोदी सरकार छीन रही है. जबकि धनबाद रेलवे कोयला ढुलाई से देश भर के सबसे अधिक राजस्व रेलवे को देती है.

झारखंड को वंदे भारत देने में भी किया है सौतेला व्यवहार

यहीं नहीं मोदी सरकार ने झारखंड के साथ सौतेला व्यवहार वंदे भारत ट्रेन देने में भी किया है. झारखंड को दो ट्रेन दी गई है. एक रांची से पटना वह ट्रेन धनबाद नहीं आती और गोमो में नहीं रूकती है. इसका फायदा धनबाद के रेल यात्रियों को नहीं मिलता है. दूसरा बंदे भारत ट्रेन रांची से वाराणसी के लिए है. उसका भी लाभ धनबाद के रेल यात्री को नहीं मिल रहा है. झारखंड का आर्थिक राजधानी धनबाद सबसे अधिक राजस्व देने के बाद भी प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी से गुहार लगाता रहा. लेकिन 1 अप्रैल को सिर्फ वोट मांगने धनबाद आए. प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी धनबाद आने के बाद ना तो एयरपोर्ट की घोषणा की और ना ही बंदे भारत और दूसरे ट्रेनों की. जबकि बिहार में प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने 12 वंदे भारत जैसे ट्रेन दिए हैं और दो अमृत भारत ट्रेन दी है. पटना के अलावा वंदे भारत ट्रेन सहरसा से नई दिल्ली और अन्य जंक्शन से नई दिल्ली और पटना के लिए दिया गया है. इसके इससे धनबाद के साथ नाइंसाफी कहा जाए यह तो कोई गलत नहीं है.

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