DHANBAD : धनबाद के निरसा तिलतोड़िया गांव में आयोजित श्रीमद् भागवत कथा ज्ञान यज्ञ के पांचवें दिन शुक्रवार को वृंदावन से पधारे कथावाचक देवकीनंदन ठाकुर महाराज ने विश्व शांति के लिए प्रार्थना के साथ प्रवचन की शुरुआत की। वही कथा के दौरान बालकृष्ण की झांकी भक्तों के लिए आकर्षण का केंद्र रहा। बालकृष्ण के साथ भक्तों ने जमकर नाचे झूमते हुए राधे कृष्ण के जयकारे लगाए। आचार्य देवकीनंदन ठाकुर ने कहा कि मनुष्य को हमेशा सत्संग सुनना चाहिए। सत्संग को सुनने से मनुष्य का कल्याण होता है। भगवान का नाम रोज लेने से मनुष्य का कल्याण हो जाता है। जो भी मनुष्य सच्चे मन से भगवान का जाप और नाम नहीं लेता है। उसे मनुष्य का कभी भी कल्याण एवं उधर नहीं हो सकता है। हर मनुष्य को भगवान श्री कृष्णा की पूजा करनी चाहिए।
मित्र का धर्म होता है मित्र संकट में है तो अपने मित्र की रक्षा करें
कथा में आगे सुनते हुए देवकीनंदन ठाकुर महाराज जी ने कहा कि समाज में मित्र का दुश्मन मित्र ही बन रहा है। आज मनुष्य अपने स्वार्थ के लिए अपने मित्र की ही हत्या कर देता है। रामायण में भी कहा गया है कि जो लोग अपने मित्र का दुख देखकर दुखी नहीं होते, ऐसे लोगों को देखने से पाप लगता है। मित्र का धर्म होता है कि अगर उसका मित्र संकट में है तो अपने मित्र की रक्षा करें। भगवान श्री कृष्णा अपने भक्तों की रक्षा हमेशा करते हैं। मनुष्य को अपने हर कार्य को समय पर करना चाहिए। काम से फुर्सत मिलने पर मनुष्य को भगवान की भक्ति करनी चाहिए। जिससे उसे कल्याण हो सके। कार्यक्रम को सफल बनाने में तिलतोड़िया गांव के सभी भक्त मंडली का अहम भूमिका रहा।