Dhanbad: राज्य के दूसरे सबसे बड़े सरकारी अस्पताल शहीद निर्मल महतो मेडिकल कॉलेज अस्पताल ( SNMMCH) में गरीब और लाचार मरीजों के निशुल्क इलाज का दावा फेल है। मरीजों को डॉक्टर की सलाह मिल जाती है पर निशुल्क दवाई नहीं मिलती। ऐसे में अगर किसी मरीज के पास आयुष्मान कार्ड नहीं है और बाहर से दवा खरीदने के पैसे भी खत्म हो गए तो, उनकी इलाज बंद हो जाता है। यह हाल तब है जब गरीब लाचार मरीजों की मदद के लिए अस्पताल में विशेष कोष है। उसे स्थानीय स्तर पर खरीदारी कर मरीजों को दबाए उपलब्ध कराने का प्रावधान है। लेकिन मेडिकल कॉलेज अस्पताल प्रबंधन अक्सर ऐसा नहीं होता। वह मरीज को उनके हाल पर ही छोड़ देते हैं। ऐसे में गरीब मरीज या तो दवाइयां खरीदने के लिए कर्ज लेते हैं या फिर बिना इलाज के ही अस्पताल में पड़े रहने पर मजबूर होते हैं।।
ना दवाई खरीदने के पैसे हैं और ना आयुष्मान कार्ड
मेडिसिन वार्ड में कलियासोल की कल्पना देवी भर्ती है पति वह बच्चे नहीं है। चोका बर्तन करती थी। डॉक्टर देख रहे हैं खाना मिल जाता है पर दवाई अस्पताल में नहीं मिल रही है। दवा खरीदने के लिए पैसे नहीं है। आयुष्मान कार्ड बनवाने के लिए रिश्तेदार 5 दिन से चक्कर काट रहे हैं।
अस्पताल के कर्मी को भी नहीं मिली मुफ्त दवाई
अस्पताल के आउटसोर्सिंग कर्मचारी की मां को भी दवाई नहीं मिली। रोज ₹50 से 100 रुपए की दवा बाहर से ले कर आते हैं। आयुष्मान कार्ड बनवाने का भी प्रयास किया जब तक कार्ड बनता मां गुजर गई। कहां की अस्पताल में सिलाइन मिलता है। दवाई बाहर से ही खरीदना पड़ता है।
दवा के बिना इलाज सिर्फ मरहम पट्टी तक सीमित
लावारिस महिला मरीजों के वार्ड में एक मरीज दो ढाई साल से भर्ती है। वह अन्य दो को कुछ दिन पहले भर्ती कराया है। इलाज मरहम पट्टी तक ही सीमित है। खाना मिल जाता है पर दवाई नहीं मिलती। बाहर से खरीद कर लाने वाला कोई नहीं है बिना दवा के ही पड़ी है।।पैसे खत्म अब तक नहीं मंगवा पा रहे हैं।। जामताड़ा के राम भगत सिंह एक सप्ताह से मेडिसिन वार्ड में भर्ती है बेटे जितेंद्र ने बताया कि वह दिहाड़ी मजदूर करते हैं। वह एक भाई दिव्यांग है₹3000 की दवाई खरीद चुके हैं पर अब पैसे खत्म हो गए आयुष्मान कार्ड बनवाने के लिए चार दिन से भाग दौड़ कर रहे हैं।
।lअस्पताल में भर्ती कई मरीजों के पास आयुष्मान कार्ड नहीं रहता नियम है कि अस्पताल में ही कार्ड बनवा दिया जाए पर अक्सर राशन कार्ड व आधार कार्ड में मामूली अशुद्धियां के कारण आयुष्मान कार्ड नहीं बनता है।
एसएनएमएमसीएच के प्राचार्य सह अधीक्षक डॉक्टर ज्योति रंजन प्रसाद ने गरीब और लाचार मरीज की जानकारी प्रबंधन को होनी चाहिए। कल्पना देवी के मामले में दवा उपलब्ध करने का निर्देश दिया गया है अन्य जरूरत की परेशानी भी दूर की जाएगी।