Dhanbad : आजादी के 77 साल बाद भी धनबाद में एक ऐसा गांव जहां जान की जोखिम पर लोग पानी लाने पर मजबूर है। धनबाद के एग्यारकुंड प्रखंड के गोपालनाथपुर पंचायत के आदिवासी व बावरी टोला में पानी के लिए जान की जोखिम तक लगाना पड़ता है। ग्रामीणों को अवैध उत्खनन से रिसाव वाले पानी से ही अपना प्यास बुझा रहे हैं। पानी की समस्या से गांव के लोग जूझ रहे हैं। जिसके चलते लोकसभा के चुनाव में ग्रामीणों ने मतदान का बहिष्कार करने का निर्णय लिया है। ग्रामीणों की माने तो अधिकारियों से लेकर नेताओं तक कई बार आवेदन और शिकायत करने के बाद भी उनकी सुनवाई नहीं हो रही है।
ग्रामीणों ने किया वोट का बहिष्कार
जब इसकी सूचना एग्यारकुंड बीडीओ मधु कुमारी को प्राप्त हुई तो उनके निर्देश पर प्रखंड जांच टीम निर्वाचन कोषांग के नोडल पदाधिकारी प्रमोद झा के नेतृत्व में गांव पहुंची। जहां जहां में पर्याप्त पेयजल समस्याओं व अवैध उत्खनन से ग्रामीणों द्वारा पानी लाने का मामला सामने आया। ग्रामीणों ने बताया कि एग्यारकुंड प्रखंड के गोपीनाथपुर पंचायत के आदिवासी व बावरी टोला में भू-गर्भीय जलस्तर काफी नीचे चला गया है। गर्मी दस्तक देते ही गांव के सभी जलस्तर काफी नीचे चला जाता है। जल नल योजना भी गांव में सफल नहीं हो सका। जिसके कारण मजबूरन ग्रामीण गांव से आधा किलोमीटर दूर खुड़िया नदी के किनारे जंगल में बने अवैध उत्खनन से रिसाव वाले पानी से ही अपना प्यास बुझा रहे हैं। ग्रामीणों के विरोध के बाद स्थानीय प्रशासन रेस हुई।