Dhanbad : धनबाद के 8 लाइन रोड पर बिरसा मुंडा पार्क और अशर्फी अस्पताल के बीच शान ए पंजाब होटल के समीप पिछले दिनों अनियंत्रित एसयूवी की चपेट में आने से दो सगी बहनों की मौत हो गई थी। जिस स्थान पर इशिता और जिया की मौत हुई थी रविवार की शाम शोक सभा कर उन्हें बड़ी संख्या में परिजन समेत शहर वासियों ने श्रद्धांजलि दी। बड़ी संख्या में लोगों ने नम आंखों से दोनों बेटियों को श्रद्धांजलि दी। पिता और शिक्षक नेता जॉय होरो फफक पड़े। फिर खुद को संभाला और कहा कि दोनों 6 मई से पहले मेरी बच्चियों थी। उस दिन के बाद पूरे समाज की बेटी हो गई। एक दुखी परिवार, दुखी पिता, दुखी मां और दुखी भाई केवल इन बच्चियों के लिए इंसाफ मांगता है। जो बच्चियां गई है वह वापस नहीं आएगी। लेकिन गुनहगारों को सजा मिले। यह घटना आकस्मिक थी। एक-दो सेकंड इधर-उधर होता तो किसी और के साथ होता। सब ने बेटियों के लिए प्रार्थना की। चर्च के पादरी ने पवित्र ग्रंथ बाइबिल के वर्स को पढ़कर प्रार्थना दी। दोनों में बहनों के चित्र पर पुष्प अर्पित किया। मौके पर कई बुद्धिजीवी, समाजसेवी मौजूद थे।
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जस्टिस फॉर जिया और इशिता हैशटैग के साथ अभियान चलाएगा
पिता जॉय होरो ने बताया कि जस्टिस फॉर जिया और इशिता हैशटैग के साथ अभियान चलाएगा। इसके साथ ही पोस्टर पैंपलेट सहित अन्य माध्यम से भी अभियान चलाकर लोगों से नाबालिगों को गाड़ी की चाबी नहीं देने की अपील की जाएगी। यह घटना केवल मेरे परिवार के साथ में बल्कि पूरे समाज के साथ हुई है। जिस तरह दोनों बच्चियों ने दर्दनाक तरीके से प्राण गवाई हैं। उनकी कल्पना भी नहीं की जा सकती है। उन्होंने कहा कि वैसे नालायक बच्चों आज घूम रहे हैं। मेरे दोनों फूलों से बच्चियों थी जिन्हें प्यार और लाड से पाला था। कहा कि यह खुलेआम आतंक की तरह है कि कब किस मार डालेगा। दुखी पिता होने के नाते एक गुजारिश है की रेस ड्राइविंग करने वाले बच्चों आप संभल जाओ। माता-पिता अपने बच्चों का घर पर इंतजार कर रहे होते हैं। इंटरटेनमेंट और स्टंट में किसी की जान न जाए। पूरे समाज से आग्रह है कि ऐसे नाबालिग बच्चों को गाड़ी की चाबी न दे। मनन और चिंतन करें ताकि ऐसी घटना किसी के साथ ना हो।
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