बांस से बनने वाले हस्तशिल्प डिज़ाइन की दी जा रही है प्रशिक्षण

धनबाद/बलियापुर : कार्यालय विकास आयुक्त हस्तशिल्प नई दिल्ली अंर्तगत संचालित हस्तशिल्प सेवा केंद्र, देवघर कार्यालय द्वारा गुरुवार को बलियापुर प्रखण्ड के घोंघाबाद ग्राम में बांस शिल्प में एक माह का डिज़ाइन विकास कार्यशाला का औपचारिक उद्घाटन सहायक निदेशक हस्तशिल्प भुवन भास्कर द्वारा किया गया।

उन्होंने बताया कि इस कार्यशाला का उद्देश्य प्रशिक्षित डिजाइनर के निर्देशन में कारीगरों के मौजूदा कौशल का उपयोग कर बाज़ार की मांग अनुरूप नए डिजाइन/प्रोटोटाइप विकसित करने पर केंद्रित है। प्रशिक्षण प्राप्त कर मोहली समाज के हस्तशिल्पी अपनी आय में वृद्धि कर सकेंगे। एक माह चलनें वाले इस कार्यशाला में लखनऊ विश्वविद्यालय से प्रशिक्षित डिजाइनर नीलम गौतम द्वारा कुल 30 बांस हस्तशिल्पियों को प्रशिक्षित किया जा रहा है एवं देवघर से आए हुए मास्टर क्राफ्टपर्सन मुकेश कुमार मोहली सहयोग कर रहे हैं। यह कार्यशाला विकास आयुक्त हस्तशिल्प नई दिल्ली द्वारा वित्त पोषित है एवं प्रशिक्षण पश्चात सभी सफल हस्तशिल्पियों को स्टाइपेंड के रूप में 7500/- रुपए और प्रमाण पत्र प्रदान किए जाएंगे।

मालूम हो कि घोंघाबाद ग्राम में विभाग द्वारा पिछले वित्तीय वर्ष में समर्थ योजना अंर्तगत 30 हस्तशिल्पियों को दो माह का प्रशिक्षण दिया गया था जिसमें बांस हस्तशिल्प के विभान्न प्रकार के सजावटी हस्तशिल्प बनाने की हुनर सिखाई गई थी और नि:शुल्क उन्नत टुलकिट प्रदान किया गया था। वर्तमान में दो समूह बनाकर सभी बांस हस्तशिल्पी लगातार उत्पादन कर रहे है जिससे उनकी आय में वृद्धि हुई है। विभाग का लक्ष्य है की इस कार्यशाला के माध्यम से हस्तशिल्पियों की सतत आय सुनिश्चित किया जा सके। कार्यशाला का संचालन सीटीओ विकास कुमार के निर्देशन में किया जा रहा है।

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