धनबाद से गिरिडीह तक रेल लाइन अभी सपना

Dhanbad : धनबाद से गिरिडीह तक वाया गोविंदपुर – टुंडी रेल लाइन दोनों जिलों की बड़ी आबादी की बहू प्रतिशत मांग रही है. लगभग दो दशक से लोग गिरिडीह से धनबाद तक रेलगाड़ी से सफर का सपना देख रहे हैं. धनबाद गिरिडीह नई रेल लाइन बिछ जाने से न केवल लाखों की आबादी को नई यातायात सुविधा मिल सकेगी, बल्कि आजादी के 75 साल बाद भी चूक चूक की आवाज सुनने को मोहताज गोविंदपुर और टुंडी जैसे दो घनी आबादी वाले प्रखंडों को रेलवे स्टेशन मिल जाएंगे.

तकरीबन 6 साल पहले बेंगलुरु की एजेंसी ने धनबाद से गिरिडीह तक नई रेल लाइन बिछाने की ट्रैफिक सर्वे किया था. 70.70 किलोमीटर लंबे रेल मार्ग के लिए तकरीबन 1600 करोड रुपए खर्च अनुमानित था. साल 2019 में सांसदों के साथ हुई रेलवे की बैठक में इस प्रोजेक्ट के लिए 300 करोड़ की सौगात भी दी गई थी. धनबाद से प्रधानघंटा होकर गोविंदपुर-टुंडी और जामताड़ा होकर गिरिडीह तक नई रेल लाइन प्रस्तावित थी. इसमें गोविंदपुर वह टुंडी में रेलवे स्टेशन के साथ रेल आवास सहित आधारभूत संरचना विस्तार की योजना भी शामिल थी. यात्री परिवहन के साथ कोयला ढुलाई समिति अन्य व्यापारिक केंद्र खुलने से रेलवे की आय का नया जरिया बन सकता था. 2019 के बाद से मामला ठंडा बस्ती में है. लोग परियोजना के प्रारंभ होने और काम पूरा होने की प्रतीक्षा कर रहे हैं.

बता दे की रेल मंत्री के रूप में पीयूष गोयल के कार्यकाल के दौरान 2019 में सांसदों की बैठक में इस प्रोजेक्ट के लिए 300 करोड़ की स्वीकृति दी गई. जिसके बाद से परियोजना थीथिल है. सांसद पशुपतिनाथ सिंह की ओर से रेलवे की बैठक में मुद्दा उठाया जाता है पर रेलवे प्रशासन ने स्पष्ट तौर पर कुछ नहीं कहा इस बार के अंतिम बजट में भी प्रोजेक्ट को राशि स्वीकृत नहीं की गई. आवश्यकता है कि जनप्रतिनिधि इस मुद्दे को प्रमुखता से उठा और आवश्यक प्रक्रिया पूरी कर बजटीय प्रावधान कराएं.

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