Dhanbad: राजकमल सरस्वती विद्या मंदिर में 30 मार्च शनिवार को शिशु वाटिका के अभिभावकों को विद्यालय की व्यवस्था की संपूर्ण जानकारी दी गई। उन्हें बताया गया कि यदि वे अपने बच्चों को राजकमल सरस्वती विद्या मंदिर में पढ़ाते हैं तो उन्हें एक सजग अभिभावक के रूप में काम करना पड़ेगा ।विद्यालय के प्राचार्य सुमन्त कुमार मिश्रा ने कहा कि हर अभिभावक का एक सपना होता है कि उसका बच्चा पढ़-लिख कर परिवार, समाज व विद्यालय का नाम रोशन करे । इसकी शुरुआत शिशु वाटिका से ही होती है ।मैं विश्वास दिलाता हूंँ कि यदि आप अभिभावकों का सहयोग मिलता रहा तो राजकमल आपके सपनों को पूरा करेगा ,उन्होंने यह भी कहा कि इस विद्यालय में आकर बच्चे प्रारंभ से ही गीत-संगीत, खेलकूद एवं संस्कार के प्रति भी उनका लगाव बढ़ता जाता है। प्राचार्य सुमन्त कुमार मिश्रा ने कहा कि सच्चाई तो यह है कि माता-पिता अपने बच्चों के प्रथम शिक्षक होते हैं, इसके बाद बच्चे विद्यालय से परिचित होते हैं ।
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उप प्राचार्या उमा मिश्रा ने कहा कि हमें घर से ही बच्चों को संस्कारित करना चाहिए।
उप प्राचार्य मनोज कुमार ने कार्यक्रम को संबोधित करते हुए कहा कि प्रारंभ से ही अपने बच्चों को मोबाइल से दूर रखें ।इसकी आदत पड़ जाने के बाद इसका विपरीत प्रभाव उसकी पढ़ाई पर देखने को मिलता है ।बच्चे अपने माता-पिता की बोलचाल, काम करने की शैली से अधिक प्रभावित होते हैं, इस कारण अभिभावकों को भी अपने बच्चों के सामने अपना आदर्श चरित्र प्रस्तुत करना चाहिए । कार्यक्रम में शिशु वाटिका की विनीता ठक्कर, छंदा बनर्जी ,शुभ्रामोनी, अर्चना सिंह ,रूमा मित्रा, मिताली चटर्जी ,देवश्री मिश्रा उपस्थित थी। इन सबों ने भी अभिभावकों को संबोधित किया ।