DHANBAD : अप्रैल का अभी दूसरा सप्ताह है। लेकिन धनबाद में गर्मी चरम पर है। अमूमन इस तरह की गर्मी मई – जून में महसूस की जाती थी। शुक्रवार को सुबह से ही उमस और पसीना से निहाल जीवन जगत के सामने बचाव का कोई उपाय नहीं सूझ रहा है। अधिकतम 38 डिग्री तापमान से घर की छत और दीवार तपने लगी है। भीतर तपन की और बाहर त्वचा को जला देने वाले मौसम जन मानस आकुल व्याकुल नजर आ रहा है। इस गर्मी से सबके लिए परेशानी का कारण बन चुके है। मौसम कहर शुक्रवार को जारी है। धनबाद रेलवे स्टेशन, बस स्टैंड, बैंक मोड़, सरायढेला आदि ऐसी जगह रहे। जहां प्यार बुझाने के लिए कोल्ड ड्रिंक का सहारा लेते लोग देख रहे थे। इधर झरिया के आदमी प्रवाहित क्षेत्र में रहने वाले मजदूर लोगों का बड़ा बुरा हाल है। ऐसे में लू लगने की संभावना बढ़ जाती है।
डॉक्टर राकेश कुमार ने कहा कि ब्रेन में हाईपथैलेम्स पार्ट होता है। जो शरीर के तापमान 95 से 98 के बीच कंट्रोल रखता है। जब हिट का वजह से हाईपथैलेम्स होने लगता है तो बॉडी का तापमान बढ़ जाता है। इससे चिकित्सा भाषा में लू लगना कहा जाता है। जब तापमान बढ़ता है तो शरीर में भी गर्मी को बाहर निकालना जरूरी होता है। आमतौर पर यह पसीने के जारी बाहर निकलती है। जब सनस्ट्रोक होता है। तब यह हेंपर कर जाता है। इस कारण हाई ग्रेड फीवर होता है। कभी भी यह जानलेवा हो जाता है। साथ ही चक्कर आना, अत्यधिक प्यास लगना, कमजोरी, सरदर्द और बेचैनी इसके मुख्य लक्षण है। इसका इलाज तुरंत ठंडक देना और पानी की कमी को दूर करना होता है।
लू और झुलसी गर्मी से बचाव के उपाय
•तेज धूप एवं गर्म हवाओं में बाहर जाने से बचे
•शरीर को कपड़े से ढक एवं सनग्लास पहन कर बाहर निकले
•नंगे पैर वह खाली पेट धूप में ना निकले
•दिन भर में काम से कम 10 से 12 गिलास पानी पिए
• दिन में गर्म भोजन से बचे। ज्यादा जूस पिए
•शरीर में साल्ट एवं मिनरल की कमी नहीं होने दे
• बासी और ताला भूंजा हुआ खाने से बचें
• दुकान में खुले रखे सामान को खाने से बचे