Dhanbad : डिजिटल अरेस्ट इन दिनों साइबर फ्रॉड का नया हथियार बन चुका है। लोगों को इन्वेस्टिगेशन एजेंसी का अधिकारी बनकर विदेशी व विदेशी नंबरों से जनरल कॉल या व्हाट्सएप्प कॉल कर के शिकार बना रहे है। धनबाद में अभी तक 70 से अधिक अभिभावकों को के पास इस तरह का कॉल आ चुके हैं। इनमें तीन मामलों की शिकायत पुलिस से भी की गई है। साइबर फ्रॉड वैसे अभिभावकों को निशाना बना रहे हैं। जिनके बच्चे दूसरे शहर में रहकर पढ़ाई कर रहे हैं। उनके नाम लेकर अभिभावकों को कॉल कर कहा जाता है कि आपका बच्चा रेप केस, नशीले पदार्थ के साथ पकड़ा गया है। बच्चों की गिरफ्तारी का डर दिखा कर वे पैसे की मांग करते हैं। कुछ अभिभावकों ने बच्चों की भविष्य को देखते हुए भुगतान कर दिया। इन मामलों में एक बात सामने आई की फ्रॉड करने वाले साइबर अपराधी घटना को अंजाम देने के बाद आर्टिफिशियल इंटेलिजेंस का भी इस्तेमाल कर रहे हैं। इस तरह के मामलों को लेकर धनबाद एसएसपी एचपी जनार्दन ने एडवाइजरी जारी की है।
ऐसी परेशानी आए तो क्या करें
•अनजान नंबर खासकर जो +9 2 से शुरू हो आने वाले कॉल व वीडियो कॉल रिसीव ना करें
•अनजान व्यक्ति को अपने बच्चे अथवा परिवार के बारे में जानकारी ना दें
•निजी सूचनाओं गोपनीय रखें यदि आपका बच्चा दूसरे शहर या देश में है तो वहां के जरूरी संपर्क नंबर अपने पास रखें ताकि जरूरत पड़ने पर वेरिफिकेशन कर सके
•यदि कोई खुद को पुलिस सीबीआई वह क्राइम ब्रांच का अधिकारी अथवा वकील बता रहे हैं तो फौरन भरोसा ना करें
ऐसा ना करें
•चाइल्ड पोर्नोग्राफी कंटेंट वाले सभी सोशल मीडिया ग्रुप से दूर रहे फोटो डाउनलोड बंद रखें
• ऐसा किसी भी सोशल मीडिया ग्रुप में ना जुड़े जिसमें चाइल्ड पोर्नोग्राफी जैसी सामग्री अपलोड होता है
•अपने सोशल मीडिया सेटिंग की मजबूती रखें ताकि बगैर अनुमति के आपको कोई अपने ग्रुप में ना जोड़ सके अपने सोशल मीडिया अकाउंट की सेटिंग में जाकर ऑटो डाउनलोड बंद कर रखें ताकि आपके चाहे बगैर कोई वीडियो फोटो फोन मेमोरी में से ना हो सके
यहां करे शिकायत
•अगर आप भी साइबर फ्रॉड का शिकार हो जाते हैं तो नजदीकी थाने में संपर्क करें। इसकी शिकायत cybercrime.gov.in पर या साइबर क्राइम हेल्पलाइन टोल फ्री नंबर 1930 पर फोन पर मदद ले सकते हैं।