DHANBAD : धनबाद के निरसा में एक ऐसा परिवार है जिनके 23 सदस्य साइबर ठगी के उस्ताद है। यह लंबे समय से साईबर ठगी को अंजाम दे रहा है। ये फैमिली गैंग आईपीएस अधिकारी, डॉक्टर, इंजीनियर, व्यवसाय, नेता से लेकर अभिनेता तक को भी अपनी ठगी का शिकार बन चुके हैं। इसका खुलासा दिल्ली क्राइम ब्रांच ने किया है। पूरे परिवार का मास्टरमाइंड निरसा का अजय दास है। जो अभी फरार है। दिल्ली पुलिस ने दिल्ली में आईपीएस अधिकारी की पत्नी व कुक से ठगी को लेकर निरसा, पुटकी, महुदा सहित अन्य कई स्थानों में छापेमारी की थी। महुदा के कुलटांड में पहुंची दिल्ली पुलिस में प्रकाश दास और अनूप दास से पूछताछ की थी। दिल्ली पुलिस की जांच में ही या खुलासा हुआ था कि इन सप्लाई साइबर क्रिमिनलों के बीच आपस में रिश्तेदारी है।
अभिनेता से लेकर आईपीएस तक को की ठगी
धनबाद में छापेमारी करने पहुंची दिल्ली पुलिस ने बताया कि आईपीएस की पत्नी घर का पुराना फर्नीचर बेचना चाहती थी। कुक के साथ उनके सोशल मीडिया पर विज्ञापन डाला था। धनबाद के एक साइबर क्रिमिनल ने फोन कर अपना नाम राहुल बताते हुए कहा था कि बेंगलुरु में उसकी दुकान है। वह फर्नीचर खरीद बिक्री का काम करते हैं। उसने जहां से देकर आईपीएस की पत्नी के अकाउंट से एक लाख 80 हजार रुपए और कुक के अकाउंट से 80 हजार रुपए की ठगी कर ली थी। दिल्ली पुलिस ने जब साइबर क्रिमिनल के नंबर को ट्रैक किया तो पता चला। उक्त नंबर से कई लोगों को ठगी का शिकार बनाया है। वह नंबर निरासा व महुदा में एक्टिव है। उसके बाद दिल्ली पुलिस ने धनबाद में एक सप्ताह का पूरे नेटवर्क की छानबीन की।
धनबाद में सक्रिय क्रिमिनलों का जामताड़ा कनेक्शन
धनबाद में सक्रिय क्रिमिनलों का जामताड़ा कनेक्शन है। जामताड़ा में किसी की ननिहाल तो किसी के मामा मौसी के घर है। वही से साइबर ठगी का गुरु सीखा और फिर ननिरसा से लेकर महुदा तक रह रहे अपने रिश्तेदारों को सिखाया। उसके बाद साइबर ठगी का धंधा शुरू कर दिया। अब तक निरसा से प्रहलाद रविदास, तूफान रविदास, राहुल रविदास, पंडरपाला का अनुज रविदास, श्यामपुर रविदास, आजाद रविदास सहित अन्य को गिरफ्तार कर पुलिस जेल भेज चुकी है। इसके अलावा साइबर पुलिस की फाइल में कई नाम दर्ज है। साथ ही सीआईडी के प्रतिबिंब ऐप पर उनके मोबाइल नंबर दर्ज है। साइबर ठगी के लिए यह नए नए हथकंडे अपनाते।। सक्रिय साइबर अपराधी थकी के हर तरीके का इस्तेमाल करते हैं। कभी ओटीपी, बिजली कनेक्शन बंद होना, केवाईसी, पुराना सामान खरीद बिक्री, लॉटरी, क्रेडिट कार्ड लिंक करने जैसे अन्य हथकड़ी का इस्तेमाल साइबर अपराध कर रहे हैं।